5 Easy Facts About Shodashi Described
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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
क्लीं त्रिपुरादेवि विद्महे कामेश्वरि धीमहि। तन्नः क्लिन्ने प्रचोदयात्॥
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
वन्दे सर्वेश्वरीं देवीं महाश्रीसिद्धमातृकाम् ॥४॥
Shodashi’s mantra assists devotees launch previous grudges, suffering, and negativity. By chanting this mantra, individuals cultivate forgiveness and psychological release, advertising and marketing reassurance and the ability to go ahead with grace and acceptance.
श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।
देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।
वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।
॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥
Within the major temple of the Kamakhya advanced resides Shodashi Shodashi, or Surashi, the Devi of sixteen summers, so named because she assumes the shape of the youth of eternally sixteen. She is understood, also as Kamakshi Devi and there's no question this is actually her epicenter of energy within the terrestrial plane.